कैंसर अस्पताल निर्माण हेतु श्री शास्त्री के भावपूर्ण आह्वान पर भक्तों ने दिया आस्था का जवाब, मूसलाधार बारिश भी नहीं रोक सकी जनसैलाब
अभिषेक नामदेव छतरपुर। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के जन्मोत्सव पर लाखों श्रद्धालु बागेश्वर धाम पहुंचे। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बागेश्वर धाम शुक्रवार को धर्म, भक्ति और सेवा भावना की त्रिवेणी में डूबा नजर आया। पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के जन्मोत्सव और गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर लाखों भक्तों ने धाम पहुंचकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। श्री शास्त्री ने अपने जन्मदिन के पूर्व बालाजी के भक्तों एवं अपने अनुयायियों से कैंसर अस्पताल निर्माण हेतु उपहार की बजाय एक-एक ईंट दान करने का आह्वान किया था, उनके इसी आह्वान पर अनेकों श्रद्धालुओं ने सिर पर ईंटें रखकर बागेश्वर धाम पहुंचकर उनके दर्शन कर उपहार भेट किया, इसी के साथ श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और भक्ति को सिद्ध किया । बागेश्वर धाम शुक्रवार को आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति से सराबोर रहा। पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के जन्मोत्सव के अवसर पर सुबह से लेकर देर रात तक उन्हें शुभकामनाएं देने का सिलसिला चलता रहा। भले ही दिन भर बारिश होती रही, लेकिन भक्तों का उत्साह तनिक भी नहीं थमा। बुधवार से प्रारंभ हुए जन्मोत्सव एवं गुरुपूर्णिमा महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को बागेश्वर महाराज का जन्मोत्सव बड़े ही भक्तिमय माहौल में मनाया गया। सुबह 10 बजे महाराज श्री बालकनी में आए और अपार जनसमूह को आशीर्वाद प्रदान किया। जैसे ही उनके दर्शन हुए, समूचा धाम जयकारों से गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने महाराजश्री की दीर्घायु हेतु बालाजी से प्रार्थना की। धाम परिसर में सुंदरकांड पाठ, अखंड रामधुन, हनुमान चालीसा और परिक्रमा का भव्य आयोजन हुआ।
काशी से ब्राह्मण, मथुरा-वृंदावन से कथा व्यास
काशी विश्वनाथ से आए ब्राह्मणों ने पं. धीरेंद्र शास्त्री को वैदिक रीति से तिलक कर जन्मोत्सव की शुभकामनाएं अर्पित कीं। मथुरा-वृंदावन से पधारे 51 कथा व्यासों ने पूरे उत्साह के साथ सुंदरकांड का पाठ किया और सभी भक्त बालाजी की भक्ति भाव में डूबे नजर आए। महाराजश्री ने मंचीय सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर, सभी श्रद्धालुओं से शांतिपूर्ण एवं आध्यात्मिक उत्सव मनाने की अपील की थी। उनकी यह अपील जनमानस में गूंज बनी और धाम में संपूर्ण दिन भक्ति, संयम और श्रद्धा का वातावरण बना रहा।
रात 12 बजे से सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बौछार
रात 12 बजे से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी बधाई संदेशों की वर्षा प्रारंभ हो गई। देशभर के श्रद्धालुओं ने पं. धीरेंद्र शास्त्री के धार्मिक और सामाजिक योगदान की मुक्त कंठ से सराहना की। इस बीच, पं. शास्त्री ने स्वयं धाम में उपस्थित होकर श्रद्धालुओं को दर्शन और आशीर्वाद प्रदान किए तथा सुरक्षा और संयम बनाए रखने का भी आह्वान किया, जिससे आयोजन अत्यंत अनुशासित और गरिमामय बना रहा।
भंडारे में भक्ति के साथ स्वाद का संगम
जन्मोत्सव पर उमड़े श्रद्धालुओं के जनसैलाब को सिर्फ भक्ति नहीं, स्वाद और सेवा संगम से भी जोड़ा गया। जन्मोत्सव के पावन अवसर पर शुद्ध घी से बने भंडारे का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं को मटर-पनीर, कद्दू की सब्जी, छोले, पुलाव, सूजी का हलवा और खीर सहित कई स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए। पूड़ी-सब्जी और मिठाइयों का भी विशेष प्रबंध रहा। रातभर भंडारे की सामग्री तैयार होती रही, जिससे श्रद्धालुओं को भक्ति के साथ स्वाद का भी सच्चा अनुभव मिला।
देशभर से शुभकामनाएं — व्यासपीठ से राजपीठ तक
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं.श्री शास्त्री के जन्मोत्सव पर देशभर से शुभकामनाओं का तांता लगा रहा। सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए व्यासपीठ और राजपीठ की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने पं. शास्त्री को जन्मदिवस की बधाई दी और उनके धार्मिक एवं सामाजिक योगदान की सराहना की। जगद्गुरु एवं दीक्षागुरु पूज्य रामभद्राचार्य महाराज, बालक योगेश्वरदास महाराज, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजूदास महाराज, संतोषदास सतुआ महाराज सहित अनेक संतों ने महाराज को तिलक कर आशीर्वाद दिया। राजनीतिक हस्तियों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद रीति पाठक, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, डॉ. गौतम टेटवाल, धर्मेंद्र सिंह लोधी, राकेश सिंह, तेलंगाना के विधायक टी. राजा सिंह और बिहार से डॉ. मुरारी मोहन झा ने भी पं. शास्त्री के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए उन्हें जन्मोत्सव की शुभकामनाएं दीं।
सेवा में जुटे शिष्य मंडल और जनप्रतिनिधि
क्षेत्रीय विधायक अरविंद पटैरिया ने लगातार दो दिनों तक श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी प्रसाद वितरण की सेवा कर भक्ति भाव को कर्तव्य से जोड़ा। उनके साथ पूर्व विधायक आलोक चतुर्वेदी ‘पज्जन’ ने भी भंडारे की समुचित व्यवस्था कर धर्म सेवा में सहभागिता निभाई। कथा पंडाल के समीप मां विरासनी शिष्य मंडल द्वारा श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क चाय वितरण की व्यवस्था की गई। इसके अलावा बागेश्वर धाम के 18 से अधिक शिष्य मंडलों ने आयोजन स्थल पर विविध सेवाएं प्रदान कर आयोजन को सफल एवं संयमित बनाए रखा।
प्रशासन रहा मुस्तैद, दर्शन में नहीं आई कोई बाधा
धाम पर उमड़े लाखों श्रद्धालुओं की सुचारु आवाजाही और सुरक्षित दर्शन को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस एवं प्रशासन की व्यवस्थाएं प्रशंसनीय रहीं। दर्शन पंक्तियों का संचालन, अन्नपूर्णा रसोई तक पहुंच, पार्किंग और सुरक्षा की निगरानी — हर मोर्चे पर जिम्मेदारों ने सजगता से भूमिका निभाई।
Author: Parinda Post
सरहदें इंसानों के लिए होती हैं, परिंदा तो आज़ाद होता है !


