प्रतिनिधि शुभम चौधरी दमोह (हटा) | कहते हैं कि सेवा को सम्मान और समर्पण को पहचान अवश्य मिलती है— यह कथन पूर्णतः चरितार्थ होता है प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास मडियादो पर, जिसे पिछले 33 वर्षों से अधीक्षक अशोक राज ने अपनी मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी से आदर्श छात्रावास में परिवर्तित कर दिया है।
13 वर्षों तक जिला स्तरीय निरीक्षण में पहला स्थान
अधीक्षक अशोक राज के नेतृत्व में यह छात्रावास लगातार 13 वर्षों तक जिला स्तरीय निरीक्षण में प्रथम स्थान पर रहा। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि दर्शाती है कि यहां भोजन, रहन-सहन, शिक्षा, स्वच्छता, अनुशासन और संस्कार की व्यवस्थाएं उत्कृष्ट स्तर पर रहीं हैं ।
अशोक राज ने जानकारी देते हुए बताया कि वे वर्ष 1992 से इस छात्रावास में अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इन तीन दशकों से अधिक के कार्यकाल में उन्होंने छात्रावास को इस रूप में गढ़ा है कि बच्चे स्वयं को छात्र नहीं, परिवार का हिस्सा समझते हैं। वे बच्चों को सिर्फ छात्र नहीं, अपनी संतान जैसा मानकर उन्हें शिक्षा देते व पालन पोषण करते हैं। छात्रावास में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वच्छता अभियान, पौधरोपण जैसी गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। समयबद्ध दिनचर्या, अनुशासन और स्वच्छता के चलते इस छात्रावास को जिले में एक विशेष पहचान प्राप्त हुई है।
समाज व प्रशासन से मिला सम्मान
श्री राज की सेवाओं की प्रशंसा समाजसेवियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई है। हाल ही में उन्हें जनपद पंचायत हटा द्वारा “उत्कृष्ट सेवा सम्मान” से सम्मानित भी किया गया।
ईमानदारी ही उद्देश्य: अशोक राज
अशोक राज कहते हैं कि यदि सेवा भावना सच्ची हो तो साधन सीमित होते हुए भी संस्थान को श्रेष्ठता की ऊंचाई तक पहुंचाया जा सकता है। जब तक सेवा में हूं, पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करता रहूंगा। मेरा उद्देश्य बच्चों को ऐसा वातावरण देना है जहां वे पढ़-लिखकर एक अच्छे नागरिक बन सकें। यही मेरा धर्म है।
Author: Parinda Post
सरहदें इंसानों के लिए होती हैं, परिंदा तो आज़ाद होता है !


