दावों की खुली पोल: कागज़ों में 15 प्याऊ, धरातल पर 5-6 ही क्रियाशील; मटको में गंदगी और बदइंतज़ामी से लोग त्रस्त
विनोद कुमार जैन बकस्वाहा। भीषण गर्मी से तप रहे बकस्वाहा नगर में नगर परिषद द्वारा की गई प्याऊ व्यवस्था केवल कागज़ों में ही सम्पूर्ण नगर के प्यासे कंठो की प्यास बुजा रही हैं, वहीं धरातल पर यह व्यवस्था पूरी तरह खोखली साबित हो रही हैं । नगर परिषद के जल वितरण प्रभारी का दावा है कि नगर के 15 स्थलों पर मटके और मग्गे रखवाकर राहगीरों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इससे उलट है। नगर में महज़ 5 से 6 स्थानों पर ही प्याऊ की आंशिक व्यवस्था देखी गई, जिनमें अधिकांश मटके खाली, गंदे या ढक्कन विहीन पाए गए।
स्थानीय स्तर पर की गई पड़ताल में सामने आया कि जिन जगहों पर मटके रखे गए हैं, वहां उनकी साफ सफाई और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।कई स्थानों पर मटकों में पक्षियों की बीट, धूल, कचरा और कीड़े-मकोड़े साफ देखे जा सकते हैं। साफ तौर पर यह पीने का नहीं, बल्कि बीमारी फैलाने वाला पानी है।
न कर्मचारी, न रखरखाव – दोहरी मार
हर वर्ष गर्मियों के दौरान नगर परिषद द्वारा 15 अस्थायी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती थी, जो प्याऊ की देखरेख करते थे, मटके भरते थे और सफाई रखते थे। लेकिन इस बार न तो कोई नियुक्ति हुई, न ही किसी को जिम्मेदारी दी गई। इससे एक ओर नगरवासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, दूसरी ओर 15 युवाओं का मौसमी रोजगार भी छिन गया।
प्याऊ नंबर 01 – बड़ा बाजार: नगर का केंद्र फिर भी व्यवस्था बेहाल
नगर के मुख्य व्यापारिक केंद्र बड़ा बाजार में स्थित प्याऊ नंबर 1 की हालत चिंताजनक है। यहां दो मटके रखे गए हैं लेकिन पानी सुबह 11-12 बजे तक खत्म हो जाता है। बाद में कोई उन्हें भरने नहीं आता और लोग उम्मीद तोड़ कर अपने प्यासे कंठो के साथ लौट जाते हैं।
प्याऊ नंबर 02 – मस्जिद के पास: गंदगी और जुगाड़ का सहारा
यहां नगर परिषद की लापरवाही साफ दिखाई देती है। मटके न तो ढंके हैं और न ही आसपास सफाई है। कुछ मटकों को जंग लगे टीन से ढका गया है। गर्मी में ऐसे दूषित पानी से बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है।
प्याऊ नंबर 03 – एटीएम के पास: मटकों में तैरता कचरा
यहां के मटकों की हालत सबसे खराब है। मटकों के पानी में प्लास्टिक, पत्ते और धूल-मिट्टी तैरते दिखते हैं। मजबूरी में राहगीर इस दूषित पानी को पीने पर विवश हैं।
नगरवासी बोले – ‘बीमारी को दिया जा रहा निमंत्रण’
स्थानीय निवासी देवेंद्र, सुरेंद्र, राकेश और बृजेश ने बताया कि प्याऊ की हालत देखकर लगता है जैसे नगर परिषद बीमारी परोस रही हो। उन्होंने कहा कि मटके महीनों से न तो ढंके गए हैं और न ही साफ किए गए हैं। यह लोगों के जीवन से खिलवाड़ है।
प्रशासन की दोहरी बातें – दावे कुछ, हकीकत कुछ और
जल प्रभारी अरविंद माली ने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर नगर के सभी 15 प्याऊ चालू हैं और नियमित रूप से पानी भरा जा रहा है।” लेकिन जमीनी हालात उनके इन दावों को झूठा साबित कर रहे हैं।
इनका कहना हैं।
मैं प्याऊ व्यवस्था की तत्काल जांच कराता हूं। यदि कहीं गड़बड़ी पाई गई तो जिम्मेदार कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुंदरलाल सोनी
Author: Parinda Post
सरहदें इंसानों के लिए होती हैं, परिंदा तो आज़ाद होता है !




