स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं की जा रही कार्यवाही
परिंदा पोस्ट सुमित चौरसिया छतरपुर-महाराजपुर। महाराजपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम टटम बड़ी एक प्रमुख ग्राम पंचायत हैं, जिसकी आबादी लगभग दस हजार से अधिक हैं। यहां साप्ताहिक बाजार के अलावा रोजमर्रा की जरूरतों की लगभग सभी दुकानों का संचालन होता है। इसी कारण आसपास के ग्रामों जैसे सिंहपुर, खिरवा, मतोद्धा बेसन, झिकमऊ, मतोद्धा चोबन, दीवान जु का पुरवा, बुड़रख, मनकारी, बररोही, फुलारी, बरा, डुमरा आदि से बड़ी संख्या में ग्रामीण खरीददारी व इलाज के लिए टटम आते हैं, जिनके लिए झोलाछाप डॉक्टरों ने पूरी व्यवस्था कर रखी है। टटम में दो दर्जन से अधिक झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के ग्रामीणों का इलाज कर रहे हैं। साथ ही, ये डॉक्टर जांच के लिए पैथोलॉजी सेंटर भी संचालित करवा रहे हैं। इन पैथोलॉजी सेंटरों में बैठे युवक झोलाछाप डॉक्टरों के पर्चों पर ग्रामीणों की मलेरिया, टायफाइड, खून और पेशाब जैसी बीमारियों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करते हैं और इसके बदले ग्रामीणों से ‘सुविधा शुल्क’ के नाम पर वसूली की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरी स्थिति से अवगत होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, जिससे झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले और अधिक बुलंद हो गए हैं और वे खुलेआम अपनी मनमानी कर रहे हैं।
बिना बोर्ड लगाए चल रहे पैथोलॉजी सेंटर
ग्रामीणों की सूचना पर जब मीडिया टीम मौके पर पहुंची, तो पाया गया कि एक दुकान में पुष्पेंद्र पटैल, निवासी रानीपुरा, पैथोलॉजी सेंटर चला रहा था। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह लैब टेक्नीशियन की डिग्री के आधार पर ओम पैथोलॉजी, छतरपुर से कलेक्शन सेंटर संचालित कर रहा है। हालांकि, मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि पुष्पेंद्र पटैल झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा लिखे गए पर्चों पर ही जांच करता है और तत्काल जांच रिपोर्ट भी बना देता है।
मीडिया टीम द्वारा जब पुष्पेंद्र से और जानकारी ली गई तो उसने स्वीकार किया कि उसके पास किसी भी प्रकार का रिकॉर्ड नहीं है और वह उन्हीं डॉक्टरों की पर्चियों के आधार पर ग्रामीणों की जांच करता हैं। ग्रामीणों के बुलाने पर जब मीडिया की टीम मौके पर पहुँची तो एक दुकान में पुष्पेंद्र पटैल निवासी रानीपुरा का पैथालॉजी सेंटर चला रहा था जब उससे पूछा गया कि तो उसने जानकारी देते हुए बताया कि बो लैब टेक्नीशियन की डिग्री पर ओम पैथालॉजी छतरपुर से कलेक्शन सेंटर चला रहा है लेकिन मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि पुष्पेंद्र पटैल झोलाछाप डॉक्टरों के लिखे पर्चे पर उनकी जांच कर तत्काल उन्हें जांच रिपोर्ट बनाकर देता है जब मीडिया की टीम ने पुष्पेंद्र पटैल से जानकारी ली तो उसने बताया कि मेरे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है मैं इन्हीं डॉक्टरों की पर्ची पर ग्रामीणों की जांच करता हूँ
बिना डिग्री के चल रहे अवैध क्लिनिक, नहीं हो रही कार्यवाही
ग्राम टटम में दो दर्जन से अधिक अवैध क्लिनिक संचालित हो रहे हैं, जिन्हें झोलाछाप डॉक्टर चला रहे हैं। ये बिना किसी भय और वैध डिग्री के ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। इलाज के नाम पर ये झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीणों से ‘सुविधा शुल्क’ वसूल कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। वे एलोपैथिक दवाओं का प्रयोग करते हुए मरीजों को इंजेक्शन और ड्रिप तक लगा रहे हैं, जबकि उन्हें इसका कोई अधिकृत प्रशिक्षण नहीं है। शासन द्वारा ग्राम में एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र और एक उपस्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था की गई है, लेकिन इनमें पदस्थ अधिकांश कर्मचारी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। उनके नदारद रहने का लाभ इन झोलाछाप डॉक्टरों को मिल रहा है और वे बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। जब इस संबंध में बीएमओ डॉ. रविन्द्र पटैल से संपर्क करने का प्रयास किया गया और उनके मोबाइल नंबर 9584332020 पर कॉल की गई, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
इनका कहना है:
इस संबंध में आप बीएमओ से बात करें। यदि वे कार्यवाही नहीं करेंगे तो हम स्वयं कार्यवाही कराएंगे- आरपी गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर
Author: Parinda Post
सरहदें इंसानों के लिए होती हैं, परिंदा तो आज़ाद होता है !


