परिंदा पोस्ट इसरार खान। पन्ना जिला अस्पताल में बीते दिनों 30 मई को जच्चा-बच्चा की हुई हृदय विदारक मौत का मामला अब भी चर्चा में है। घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते प्रशासन ने तत्काल 5 सदस्यीय जांच समिति गठित की। सिविल सर्जन डॉ आलोक गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि समिति जांच कर रही है, स्टाफ नर्सो और डॉक्टरों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। मृतिका के पति का बयान शेष है, जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाएगी।
हालांकि इस पूरे मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या सही दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर हमेशा की तरह छोटे कर्मचारियों पर ही गाज गिरेगी। पन्ना शहर एबं पूरे जिले में इस घटना को लेकर लोगों में गहरा रोष है। जनता को आशंका है कि लापरवाही के मामलों में बड़े अधिकारियों और रसूखदार डॉक्टरों को बचा लिया जाता है, जबकि निचले स्टाफ को सस्पेंड कर खानापूर्ति की जाती है।
बीते कई मामलों में यह देखा गया है कि केवल छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यदि इस बार भी ऐसा हुआ तो यह न्याय की हत्या होगी। जनता की मांग है कि निष्पक्ष जांच हो और जो भी दोषी हो, उसे सजा जरूर मिले, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो। अब समस्त जिले की निगाहें जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं।
Author: Parinda Post
सरहदें इंसानों के लिए होती हैं, परिंदा तो आज़ाद होता है !

