●परम पूज्य आर्यिका रत्न श्री 105 तपोमति माता जी ससंघ के सानिध्य में जल विहार यात्रा..
●पर्युषण पर्व पश्चात जैन समाज अनुयाइयों द्वारा उत्तम क्षमा संबोधन के माध्यम से बीते वर्ष में हुई गलतियों के लिए की गई क्षमा याचना..
@परिंदा: प्रशांत जैन
छतरपुर: बड़ामलहरा में नगर में जैन समाज द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली जल विहार यात्रा का आयोजन किया गया था।यात्रा का शुभारंभ नगर में जैन आस्थेय पाटन जैन मंदिर जी से किया गया। जो गंज तिराहा से पंचायती जैन मंदिर व फौजदार मंदिर जी होते हुए चंदाप्रभु जिनालय तक निकाली गई। जहां रास्ते में जगह जगह जैन श्रद्धालुओं द्वारा जिनेन्द्र देव की आरती की गई।जैन अनुयाई तीनों लोकों के नाथ जिनेन्द्र देव का विमान अपने कंधो पर उठाकर अपने को धन्य करते दिखे।
●पंक्ति दर पंक्ति क्रमवार चल रही ससंघ आर्यिका रत्न श्री 105 तपोमती माता जी रहीं जल विहार यात्रा में प्रमुख आकर्षण का केन्द्र..
जल विहार यात्रा में अग्रिम पंक्ति में ढोल नगाड़े द्वतीय पंक्ति में सामाजिक अनुयाई ध्वज पताका अपने हाथो में थाम चल रहा था।तत्पश्चात यात्रा में जैन समाज की आस्था केन्द्र ससंघ आर्यिका श्री 105 तपोमती माता जी तीनों लोकों के नाथ भगवान जिनेन्द्र देव के विमान के साथ चल रही थी।पश्चात ढोल नगाड़े लिए जैन क्लब के युवा,सुनिश्चित वेशभूषा में सामाजिक युवतियां व सबसे अंत में क्षेत्रीय जैन समाज चल रही थी।अंत में मुख्य मार्ग से होते हुए जल विहार यात्रा निर्माणाधीन संत भवन पहुंची जहां परम पूज्य आर्यिका श्री 105 तपोमती माताजी ससंघ द्वारा समाज को प्रवचन के माध्यम जैन धर्म के सदमार्ग पर चलकर जीवन सफल करने का संदेश दिया गया। तत्पश्चात समस्त जैन अनुयायियों ने क्षमावाणी पर्व पर एक दूसरे से बीते वर्ष में हुई गलतियों के लिए उत्तम क्षमा मांगकर क्षमा याचना की गई।
●सम्पूर्ण जल विहार यात्रा को अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने में रही पुलिस प्रशासन की अहम भूमिका..
सम्पूर्ण जल विहार यात्रा को नगर के मुख्यमार्ग पर सुनियोजित तरीके से गंतव्य स्थान तक पहुंचाने व अकस्मात घटना पर विराम लगाने हेतु पुलिस प्रशासन की अहम भूमिका देखी गई।