अब लुटेरे एजेंट और मैनेजर पहुंचे पुलिस थाना…
दमोह। शहर की एक तंगगली में खुली लास्टिनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (LJCC) चिटफंड कंपनी ग्राहकों का करीब 10 करोड़ रुपया लेकर रातों रात बंद हो गई, एजेंट के भरोसे चलने वाली इस चिटफंड कंपनी को सिंगरौली (कलेक्टर) जिला मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल 2023 को ब्लैकलिस्ट घोषित कर चुके थे, लेकिन दमोह में यह 2016 से इस कम्पनी को कृषि मंत्रालय भारत सरकार से रेजिस्टर्ड बताकर संचालित हो रही थी, जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया और यह नाम बदल बदलकर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की भोली भाली जनता को लूटते रहे।
अपने आप को बैंक मैनेजर बताने वाला खुद बना फरियादी…
अब जब लोगों ने अपना पैसा मांगना शुरू किया तो कंपनी के मैनेजर राहुल असाटी अपने तीन दर्जन एजेंट के साथ कोतवाली थाना पहुंचकर भोपाल, ललितपुर, टीकमगढ़, कटनी में रहने वाले 9 लोगों पर पैसों के गबन का आरोप लगा रहे हैं, जबकि जिले की जनता को यही एजेंट और मेनेजर पैसा डबल करने और अन्य लुभावने ऑफर देकर पैसे जमा करवाते थे।
शुरुआत में LJCC कंपनी स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट कारपोरेशन के नाम से स्थानीय राय चौराहा पर संचालित हो रही थी, फिर किल्लाई चौराहा पर स्टेट बैंक मुख्य शाखा के पास संचालित होने लगी जो अब हाउसिंग बोर्ड कालोनी में LJCC नाम से राहुल असाटी संचालित करता था। यह लोग कृषि मंत्रालय से संबद्ध अपना LJCC बैंक बताकर दमोह के लगभग तीन सौ एजेंट्स के जरिए गांव के इलाकों की भोली-भाली जनता को बड़े-बड़े ख्वाब दिखाकर उनसे पैसे जमा कराते थे। जबकि उक्त कंपनी के कार्यालय में ना तो किसी प्रकार के सिस्टम या इंटरनेट (सर्वर) सुविधा थी ना ही किसी अच्छे रजिस्टर में लेनदेन का लेखा-जोखा था।
सूत्रों के अनुसार इनकी ब्रांच भी पथरिया में सुमित, बटियागढ़ में पारस संचालित कर रहे थे। जिन्होंने 200–300 एजेंट बनाए, जो लोगों को डबल पैसा कमाने व अन्य तरह के लुभावने ऑफर देकर पैसा जमा करा रहे थे, लेकिन जब ग्राहकों ने पैसा वापस मांगा तो अब कंपनी बंद करने का दिखावा कर रहे हैं।