इंदौर। बाप-बेटी के रिश्ते को कलंकित करते हुए नाबालिक का सौतेला पिता ही उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। नाबालिग ने जैसे-तैसे हिम्मतकर जुटाकर यह बात मां को बताई तो बेटी की सुरक्षा करने के बजाय उसने उलटा बेटी को ही झूठा ठहरा दिया। परेशान होकर नाबालिक घर से भाग गई। करीब चार माह बाद वह पुलिस को मिली। पुलिस ने उससे घर से भागने की वजह पूछी तो उसने बताया कि उसका सौतेला पिता ही उसका शोषण कर रहा था।
दो वर्ष में वह उसके साथ कई बार दुष्कर्म कर चुका था। इसी से परेशान होकर वह घर से भाग गई थी। उसकी मां भी सौतेले पिता के इस कृत्य में उसके साथ है। पुलिस ने नाबालिग के सौतेले पिता और मां के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर चालान पेश किया। कोर्ट ने सौतेले पिता को तिहरा और मां को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत दो लाख रुपये प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश भी दिया।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बालिका को तलाशा। बालिका ने 31 मई 2022 को बाल कल्याण समिति को दिए बयान में बताया कि दो वर्ष पहले उसके सौतेले पिता ने कई बार उसके साथ गलत काम किया था। यह बात उसने अपनी मां को बताई थी, लेकिन उसे ही झूठा ठहराते हुए डांट दिया। बाल कल्याण समिति ने पीड़िता के बयान दर्ज कर एरोड्रम पुलिस थाना प्रभारी को इस संबंध में पत्र लिखा।
पुलिस ने दोबारा पीड़िता के बयान लिए। इस बार भी पीड़िता ने वहीं बात दोहराई जो बाल कल्याण समिति के सामने कही थी। पुलिस ने पीड़िता के सौतेले पिता और मां के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया। जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायालय ने प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए पीड़िता के सौतेले पिता को पाक्सो एक्ट की धारा एल/6, 5 (एन)/6 एवं 3/4 में पृथक-पृथक तिहरा आजीवन कारावास और 15500 रुपये अर्थदंड तथा पीड़िता की मां को धारा 5एल/6 सहपठित धारा 17. एवं 3/4 सहपठित धारा 17 में पृथक-पृथक दोहरा आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रीति अग्रवाल ने की।